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नाम : अनीसूर रहमान
जन्म दि : 24 अगस्त 1927
ठिकाण : हैदराबाद, ब्रिटीश भारत
व्यवसाय : भौतिकी प्रोफेसर
मर गए : 6 जून 1987.
प्रारंभिक जिवनी :
अनीसुर रहमान इनका जन्म 24 अगस्त 1927 मे हैदराबाद मे हुआ था | उन्होंने इग्लैंड मे कैम्ब्रिज विश्वाविदयालय से भौतिकी और गणित मे स्त्रातक की उपाधि प्राप्ता की थी | और उन्होंने अपनी पीएचडी , बेल्जियम मे लौवेन विश्वाविदयालय से सैध्दांतिक भौतिकी मे की थी | 1960 मे उॉ. रहमान ने अग्रोन नॅशनल लॅबोरेटरी ARNE III शिकागो विश्वाविदयालय व्दारा संचलित मे एक भौतिकी विज्ञानी के रुप मे 25 साल का कार्यकाल सुरु किया | 1985 मे, डॉ. रहमान सुपरकंप्यूटर संस्थान मे भौतिकी के प्रोफेसर थे | और साथी के रुप मे मिनेसोटा विश्वाविदयालय मे संकाय मे शामिल हुए |
कार्य :
अनीसुर रहमान ने भौतिक प्रणालियों के लिए कम्प्यूटेशनल विधियों के अनुप्रयोग का बीडा उठाया गया | लिक्किड आर्गन पर उनके 1964 के पेपर ने सीडीसी 3600 कंम्प्यूटर पर 864 आर्यन परमाणुओं की एक प्रणाली का अध्यायन किया है | जिसमें लेन्नार्ड जोन्सा क्षमता का उपयोग किया गया | उनके एल्गोरिदम आज भी लिखे गए है | कई कोड के लिए आधार बनाते है | उसके अलाग उन्होंने कई प्रकार की समस्याओं पर काम किया था | जैसे की माइक्रोटोनिकल एनसेंबल एप्रोच टू लैटिस गेज थ्थोरी, जिसे उन्होंने डेविड जेई कॉलवे के साथ ईजाद किया था |
डॉ. रहमान को आणविक गतिशीलता के पिता के रुप मे जाना जाता है | भौतिकी का एक अनुशासन जो कंम्प्यूटर का उपयोग भौतिक प्रणालियों के सुक्ष्मा व्यवहार को अनुकरण करने के लिए करता है | 1977 मे डॉ. रहमान को अमेरिकनन फिजिकल सोसायटी व्दारा इरविंग लैगमुइर पूरस्कार सम्मानित कीया गया था |
पुरस्कार और सम्मान :
1) 1977मे डॉ. रहमान को अमेरिकनन फिजिकल सोसाइटी व्दारा इरविंग लैंगभुइर पूरस्कार से सम्मानित किया गया |
2) बर्नि एल्डार को 2009 मे राष्ट्रपति ओबामा से नेशनल मेडल ऑफ साइंस अवार्ड मिला था |
3) अमेरिकन फिजिकल सेासायटी प्रतिवर्षे कम्प्यूटेश्नल रिसर्च मे उत्कृष्टा उपलब्धि के लिए अनीसूर रहमान पुरस्कार प्रदान करती है |
4) पहली बार 1993 मे सम्मानित किया गया , अनीसूर रहमान पुरस्कार अमेरिकन फिजिकल सोसाइटी व्दारा दिए गए कम्प्यूटेशनल भौतिकी के क्षेत्र में सर्वोच्चा सम्मान है |
5) आँर्गन नेशनल लैबोरेटरी एक विशेष पोस्टडॉक्टारल फेलोशिप प्रदान करती है | जिसका नाम अनीसूर रहमान के नाम पर रखा गया है , जो एक उत्कृष्टा डॅाक्टारेट वैज्ञानिक के लिए वार्षिक आधार पर आंतरराष्ट्रीय स्तार पर सम्मानित किया जाएगा |