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वैज्ञानिक

अभय वसंत अष्टेकर की जीवनी - Biography of Abhay Ashtekar in hindi jivani

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नाम : अभय वसंत अष्टेकर

जनम दि : 5 जुलाई 1949

ठिकाण : कोल्हापूर महाराष्ट्रा

व्यावसाय : भौतिक विज्ञानी

पत्नी : क्रिस्टीन क्लार्क 


प्रारंभिक जीवनी :


        अभय वसंत अष्टेकर का जनम 5 जुलाई 1949 मे कोल्हापूर मे हुआ था | वे एक भारतीय सैध्दांतिक भौतिक विज्ञानी है | वे पेन्सिलवेनिया स्टेट युनिवर्सिटी मे भौतिकी के एर्ली प्रोफेसर और गुरुत्वाकर्षण भौतिकी और जयामिती के संस्थान के निदेशक है | अष्टेकर चार के निर्माता के रुप मे वह जाने जाते है | और वह पाश कांटम गुरुत्वा और इसके उपक्षेत्र पाश कांटम ब्रम्हांड विज्ञान के संस्थापको मे से एक है | उन्होंने लूप व्कांटम गुरुत्वा के कई विवरण भी लिखे है जो गैर भौतिकविदों के लिए सुलभ है |


        1999 मे Ashtekar और उनके सहयोगीयों ने ब्लेक होल के लिए एट्रापी की गणना करने मे सक्षम थे, हॉकिंग व्दारा 1974 की एक पौराणीक कथा का मिलान किया |ऑक्साफर्ड के गणितीय भौतिक विज्ञानी रोजर पेनरोज ने व्कांटम गुरुत्व के लिए अष्टेकर के दृष्टिकोण का वर्णन किया है | सामान्या सापेक्षता की मात्रा निर्धारित करने के सभी प्रयासों मे सबसे महत्त्वापूर्ण मई 2016 मे अष्टेकर को राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का सदस्या चुना गया |


        अभय अष्टेकर भारत के महाराष्ट्रा राजया मे मुंबई सहित कई शहरों मे पले बढे | भारत मे अपनी स्त्रातक शिक्षा पूरी करने के बाद अष्टेकर ने ऑस्टिन मे टेक्सास विश्वाविदयालय मे गुरुत्वाकर्षण के लिए स्त्रातक कार्यक्रम मे दाखिला लिया | उन्होंने रॉबर्ट गेरोच की देखरेख मे शिकागो विश्वाविदयालय मे अपनी पीएचडी पूरी की और पेन स्टेट मे बसने से पहले ऑक्साफर्ड पेरिस सिरैक्यूज मे कई नियुक्तियॉ की |


        उन्होंने 1986 मे क्रिस्टीन क्लार्क से शादी की और दोनो का एक बेटा नील अष्टेकर है | अभय अष्टेकर एक नास्तिक है | हालांकि उन्हे भारतीय और अन्या पूर्वी दर्शन अर्थात ताओ और जेन परंपराओं को पढने मे आनंद आता है | इसके अलावा वह भागवत गीता से प्रेरित होने का दावा करता है क्योंकी वह काम के प्रति अपने दृष्टिकोण को मानते है |


कार्य :


        उन्होंने 1983 से 1985 प्रोफेसर बने रहे चेयर डे ग्रविटेशन मे और युनिवर्सिटी डे पेरिस VI मे उन्होंने फरवरी 83 मे नियुक्त कि थी | और अभय अष्टेकर ने अक्टूबर 85 को उस युनिवर्सिटी से इस्तीफा दिया | वे 1984 से 1988 तक भौतिकी के प्रोफेसर रहे है, सिराकस युनिवर्सिटी मे 1988 से 1992 तक वो भौतिकी के प्रतिष्टित प्रोफेसर रहे है सिरकस युनिवर्सिटी मे 1993 मे एबरली प्रोफेसर ऑफ फिजिक्सा एंड डायरेक्टर इंस्टीटयूट फॉर ग्रविटेशन एंड द कॉस्मोस पेन स्टैट युनविर्सिटी मे उनका कार्य अप्रतिम रहा है |


पूरस्कार और सम्मान :


1) वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगीता मे प्रथम ग्रेविटी पूरस्कार ग्रेविटी रिसर्च फाउंडेशन मैसाचुसेटस 1977 व्दारा प्रदान किया गया |

2) अल्फ्रेड पी स्लोन रिसर्च फेलो 1981:1985 

3) चांसलर का प्रशस्ति पत्र आकादमिक उत्कृष्टता के लिए सिरैक्यूज विश्वाविदयालय 1987

4) जनरल रिलेटिविटी एंड ग्रेविटेशन 1989:1998 के लिए इंटरनेशनल सोसायटी की गवर्निग काउासिल के लिए चुने गए |

5) रुफस पुतनाम प्रतिष्ठित प्रोफेसर, ओहियो विश्वाविदयालय अक्टूबर 1989

6) सीनीयर विजिटींग फेलो ब्रिटीश साइंस एंड इंजिनीयरीग रिसर्च काउंसिल स्प्रिंग 1991 

7) प्रतिष्ठित व्याख्यान, मौलिक सिध्दांत के लिए संस्थान, फलोरिडा विश्वाविदयालय स्प्रिंग 1992

8) वास्सेस्ट्रॉम अवार्ड फॉर ग्रेजुएट टीचिंग एंड एडवाइजिंग 1992

9) प्रतिष्ठित व्याख्यान सेंटर फॉर चियोरेटिकल फिजिक्सा, युनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड फरवरी 1994

10) 1995 जर्मनी के संधीय गणरा्जया गणितीय भौतिकी पर पपीवेस्की व्याख्यान

11) निर्वाचित मानद फेलो, भारतीय विज्ञान अकादमी 1996

12) गोल्डन जुबली विजिटींग प्रोफेसर भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला अहमदाबाद भारत अगस्ता 1997

13) इलेक्टैड फॉरेन फेलो द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज भारत 1997

14) सौसाल का सहा मेमोरियल लेक्चर कोलकोट्रटा भारत 2000

15) अकादमी सार्वजनिक व्याख्यान भारतीय विज्ञान अकादमी 2002 2004

16) अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ड फाउंडेशन 2004 व्दारा वरिष्ठ फोर्स चुंगस्प्रे को सम्मानित किया गया 

17) भारतीय विज्ञज्ञन आकादमी के सर सी वी रमन 2004:2005