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राजेंद्र भाटीया एक भारतीय गणितञ लेखक और शिक्षक है | वर्तमान मे वह भारत मे अशोक विश्वाविघ्यालय के गणित के प्रोफेसर है | राजेंद्र भाटीया का जनम भारत मे 8 मई 1952 को हुआ है | उनके पिता का नाम बालमूकुन्दा भाटिया और माता का नाम भागवंती भाटिया है | उन्होंने दिल्ली विश्वाविघ्यालय मे अध्यायन किया है |
जहाँ पर उन्होने गणित मे बीएससी और एमएससी कि उपाधि प्राप्त कि है | उसके बाद उन्होने प्रोफेसर केआर पार्थसारथी के मार्गदर्श्ंन मे पीएचडी कि उपाधि भारतीय सांख्यिकि संस्थान, कोलकत्ता से प्राप्त कि है |
कार्य :
राजेंद्र भाटिया क अनूसंधान हितों मे मैट्रिक्स असमानताएं मैट्रिक्सा कार्यो कि गणना, मैट्रिक्सा के साधन और हार्मोनिक विश्लेषण, जयामिती और मैट्रिक्सा विश्लेष्ंण के बीच संबंध शामिल है | राजेंद्र भाटिया भाटिया डेविस असमानता के प्रतीक मे से एक है | सन 1992 मे उन्होंने गणित मे श्रृंखला ग्रंथो और पठन कि स्थापना करणे का कार्य किया है |
उन्होंने भारतीय गणित के इतिहास पर श्रृखंला संस्कूति और गणित का इतिहास पर शोध किए है | राजेंद्र ने कई प्रमूख अतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं जसे कि रैखिक बीजगणित अैर इसके इनूप्रयोग और मैट्रिक्सा विश्लेषण और अन्रप्रयोगो पर SIAM जर्नल के संपादकिया बोर्डो पर काम किया है |
उपलब्धि :
पूरस्कार और सम्मान :
1) राजेंद्र भाटिया को 1982 मे INSA मेडल मे सम्मानित किया गया है |
2) 1995 मे राजेंद्र को भारत सरकारव्दारा शांति स्वरुप भटनागर पूरस्कार से सम्मानित किया गया है |
3) सन 2017 मे उन्हें रेखिय बीजगणित मे हंस श्राइडर पूरस्कार से सम्मानित किया गया है |
पुस्तके/ग्रंथ :
1) 1987 प्रकाशित : मैट्रिक्सा आइगेनवेल्यूज के लिए पटर्बिशन बाडंड्रस|
2) 1997 प्रकाशित : मैट्रिक्सा विश्लेषण |
3) 2007 सकारात्माक निश्चित मैट्रिक्सा|
4) फुरियर श्रृखला गणितीय एसोसिएशन ऑफ अमेरिका 1993 मे प्रकाशित|
5) 15 जुलाई 2013 मे प्रकाशित : कनेक्टेड ऍट इनफिनिटी ए सिलेक्शन ऑफ मॅथमॅटिक्सा बाय इंडियन्स