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वैज्ञानिक

द्रोणमर्जु कृष्णराव की जीवनी - Biography of Dronamarju Krishnarao in hindi jivani

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द्रोणमुर्ज कृष्णराव का जन्म 14 जनवरी 1937 को आध्रप्रदेश राजया के पीथापूरम मे हुआ था | उन्होंने आंध्रपदेश के विजय नगरम मे वनस्पति विज्ञान का अध्यायन करने के लिए एमआर कॉलेज गए थे | और 1955 मे स्त्रातक कि उपाधि प्राप्त कि थी | उन्होने 1957 मे आगरा विश्वाविघ्याल से स्त्रातकोत्तार कि उपाधि प्राप्ता कि थी |

        उन्हेांने पौधे के प्रजनन और आनूवंशिकी का अध्यायन किया था 1958 मे जब जेबीएस हल्हाने भारत आ गए, तो द्रोणमुर्ज ने कलकत्ता मे भारतीय सांख्यिकी संस्थान मे उनके निर्देशन मे एक शोध कैरियर को आगे बढाने के अवसर के लिए हल्दाने को लिखा था |

कार्य :

        द्रोणमुर्ज कुष्णराव एक भारतीय महिला आनुवंशिकविदू और फाउंडेशन ऑफ जेनेटिक रिसर्च फॉर हयूस्टान टेक्सास मे हे | उनके काम का एक फोकस जेबी एस हल्दाने का शोध रहा है | एक लेखक के रुप मे उनका नाम आम तौर पर कृष्ण आर द्रोणमुर्ज्र है | अपने शोध करियर की शुरुआत मे उनहेांने मानव वाय गुणसूत्र पर जीन के पहले मामले कि खोज कि थी | और 1960 मे एक पेपर प्रकाशित किया था |

        वह भारतीय सांख्यिकि संस्थान कलकत्ता मे पीएचडी थिसिस का भी हिस्सा था | द्रोणाचार्य का मानव आनुवंशिकी मे प्रांरभिक अनुसंधान और मुम्बाई के टाटा फैसर सेंटर मे एलडी सगवी का सतंत्र कार्य अखिरकार इंडियन सोसायटी ऑफ हयूमन जेनेटिक्सा कि नीवं डाल गया था |

        द्रोणमुर्जु ने यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और जॉन्सा हॉपकिन्सा स्कूल ऑफ मेडसिन मे उन्नात प्रशिक्षण प्राप्त किया था | इसके बाद अल्बर्टा विश्वाविदयालय मे आनुवांशिकी मे पोस्टा डॉक्टरल फैलोशिप कि थी |

        अमेरिका जाने के बाद उन्होंने जॉन्सा हॉपकिन्सा मे विक्टर मैक्कूसिक के साथ मिलकर पेंसिल्वेनिया मे अमीश आबादी जैसे मानव आबादी मे इनब्रीडिंग पर शोध जारी रखा था | उन्होंने न्यूयॉर्क राजया मे सेने का भारतीयों और अमेरिका कनाडा मे अन्या अबादी का भी अध्यायन किया था | उन्होंने भ्रूण मृत्यू दर और परिवारों मे मौखिक दोषो की धटना के बीच संबंधो का अध्यायन किया था |

पुरस्कार और सम्मान :

1) वांशिगटन डी सी मे यूएस नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ हेल्थ से राष्ट्रीय अनुसंधान सेवा पूरस्कार NRSA से सम्मानित|

2) येल्लप्रगादा सुब्बा राव मेमोरियल अवार्ड, भारत|

3) प्रौघोगिकी भारत मे नायडम्मा पूरस्कार से सम्मानित|

4) मानद प्रोफेसर अल्बर्ट विटजर इंस्टीटयूट जिनेवा स्विटजरलैंड|

5) आमंत्रित प्रोफेसर पेरिस विश्वाविदयालय फ्रांस|

6) मानद विजिटिंग प्रोफेसर आंध्र विश्वाविदयालय, भारत |

7) मानद रिसर्च फेलो लंदन विश्वाविदयालय यू के |

8) सलाहकार कैप्टेल्यूलर स्टार्टअप एक्सेलेरेटर|


पुस्तके :

1) सेंचूरी ऑफ जेनेटिकीस्ट्रस :म्यूटेशन टू मेडिसिन 2018 |

2) लोकप्रिय विज्ञान: जेबीएस हल्दाने का जीवन और कार्य 2017|

3) विक्टर मैककि और‍ि हस्ट्री ऑफ मेडिकल जेनेटिकसा 2012|